उन्हें भीख देकर हम उनका भविष्य अंधेरे की गर्त में डाल रहे हैं । उन्हें भीख देकर हम उनका भविष्य अंधेरे की गर्त में डाल रहे हैं ।
हमारे छोटे छोटे शहरों की भी यह खाश बात होती है, यहां हर इंसान की जुबां से अपनेपन की बात होती है | ह... हमारे छोटे छोटे शहरों की भी यह खाश बात होती है, यहां हर इंसान की जुबां से अपनेप...
छोटे नवाब, बड़े नवाब छोटे नवाब, बड़े नवाब
मंदिरों के बाहर मस्जिदों के छोटे गलियारों पर पेट कि भूख विचारों कि भूख मंदिरों के बाहर मस्जिदों के छोटे गलियारों पर पेट कि भूख विचारों कि भूख
औलाद की खातिर माँ-बाप अपना सब कुछ लुटा देते हैं और वही औलाद, माँ-बाप को एक ऐसे किनारे पर ला छोड़ती है... औलाद की खातिर माँ-बाप अपना सब कुछ लुटा देते हैं और वही औलाद, माँ-बाप को एक ऐसे क...
अरे माँ! क्या बोल रही हूँ अब मेरी उम्र रही शादी करने की, आज ये सब क्या और क्यों कह रही अरे माँ! क्या बोल रही हूँ अब मेरी उम्र रही शादी करने की, आज ये सब क्या और क्यों ...